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Raksha Bandhan 2019:15 अगस्त को है रक्षाबंधन, जानिए शुभ मुहूर्त, राखी बांधने का सही तरीका और मान्यताएं

Raksha Bandhan 2019: रक्षाबंधन के दिन भाइयों की कलाई पर राखी बांधने का शुभ समय क्या है, राखी बांधने के दौरान भाई का मुंह किसी दिशा में होना चाहिए। जानें इस बारे में आचार्य इंदु प्रकाश से।


Raksha Bandhan 2019: 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के साथ-साथ रक्षाबंधन(Raksha Bandhan) का पर्व भी है। इस दिन बहनें भाई को रक्षा सूत्र बांध कर अपनी रक्षा का वचन लेती हैं और बदले में भाई भी हर परिस्थिति मे सदैव उनका साथ निभाने का वचन बहन को देता है। रक्षाबंधन के दिन भाइयों की कलाई पर राखी बांधने का शुभ समय क्या है, राखी बांधने के दौरान भाई का मुंह किसी दिशा में होना चाहिए। जानें इस बारे में आचार्य इंदु प्रकाश से।

रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त:

चौघड़िया मुहूर्त
अच्छी चौघड़िया सुबह 05 बजकर 50 मिनट से सुबह 07 बजकर 28 मिनट तक है यानि ये राखी बांधने का अच्छा मुहूर्त है। इसके बाद सुबह 10 बजकर 46 मिनट से दोपहर 02 बजकर 02 मिनट तक चार चौघड़िया रहेगी यानि इस अवधि के दौरान राखी बांधी जा सकती है। ये अच्छा मुहूर्त है। इसके बाद कल शाम 05 बजकर 21 मिनट से शाम 07 बजे तक का मुहूर्त भी राखी बांधने के लिए शुभ है।
रात के समय शुभ मुहूर्त
अगर कोई बहन किसी भी कारणवश दिन के किसी भी समय राखी नहीं बांध पायीं है तो रात्रि में भी राखी बांधी जा सकती है। कल शाम 07 बजे से लेकर रात 9 बजकर 45 मिनट तक का समय शुभ है। इस समय बहनें भाई की कलाई पर राखी बांध सकती है।
अमृत की चौघड़िया
दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से 03 बजकर 43 मिनट तक अमृत की चौघड़िया भी है जिसमें राखी बांधना तो शुभ होता है लेकिन इसी दौरान राहुकाल रहेगा। लिहाज़ा ध्यान रहे कि आप इस समय भाई को राखी ना बांधे।
राहुकाल
राहुकाल दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से शुरू होकर दोपहर 03 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। यानि इस अवधि के दौरान आपको राखी नहीं बांधनी चाहिए। राहुकाल में किसी भी तरह का शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है। लेकिन एक अहम जानकारी भी आपको दे दूं कि अगर आपने भाई को राखी राहुकाल शुरू होने से ठीक 1 मिनट पहले भी बांध दी है तो आप आगे की क्रिया को जारी रखें इससे किसी तरह का कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन राहुकाल शुरू होने के बाद राखी ना बांधें।
राखी बांधने की पूजा विधि
रक्षाबंधन के दिन अपने भाई को इस तरह राखी बांधें। सबसे पहले राखी की थाली सजाएं। इस थाली में रोली, कुमकुम, अक्षत, पीली सरसों के बीज, दीपक और राखी रखें। इसके बाद भाई को तिलक लगाकर उसके दाहिने हाथ में रक्षा सूत्र यानी कि राखी बांधें। राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारें। फिर भाई को मिठाई खिलाएं। अगर भाई आपसे बड़ा है तो चरण स्‍पर्श कर उसका आशीर्वाद लें।
अगर बहन बड़ी हो तो भाई को चरण स्‍पर्श करना चाहिए। राखी बांधने के बाद भाइयों को इच्‍छा और सामर्थ्‍य के अनुसार बहनों को भेंट देनी चाहिए। ब्राह्मण या पंडित जी भी अपने यजमान की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हैं।

ऐसा करते वक्‍त इस मंत्र का उच्‍चारण करना चाहिए:
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
इस दिशा में भाई का मुंह करके बांधे राखी
राखी बंधवाते समय भाई को अपना मुंह पूर्व दिशा की ओर करके बैठना उत्तम रहेगा। दरअसल, कल सुबह चंद्रमा 20 अंश पार करके पूरे दिन मकर राशि में रहेगा, अगर राखी बंधवाते समय भाई का मुंह पूर्व दिशा की ओर रहेगा तो भाई के दाहिने हाथ पर चंद्रमा होगा और दाहिने हाथ पर चंद्रमा सुख व संपदा देता है।

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